सारे देशवासी फ्रांस से आ रहे लड़ाकू विमान राफेल की प्रतीक्षा कर रहे हैं। ये लड़ाकू विमान बुधवार की सुबह अंबाला एयरबेस पर उतरेंगे। वहां पर उनका औपचारिक स्वागत किया जाएगा। भारत-चीन सीमा पर तनाव को देखते हुए, इनकी तैनाती लेह एयरबेस पर किए जाने की संभावना है। राफेल के भारतीय वायु सेना में शामिल होने के बाद, वायु सेना की शक्ति काफी बढ़ जाएगी। राफेल के टक्कर का कोई भी लड़ाकू विमान चीन या पाकिस्तान के पास नहीं है। राफेल की क्षमता को इसी से जाना जा सकता है कि एक राफेल से मुकाबला करने के लिए पाकिस्तान को दो एफ 16 विमान लगाने पड़ेंगे। चीन के लड़ाकू विमान भी राफेल के मुकाबले में कहीं नहीं टिकते हैं। यही कारण है कि चीन और पाकिस्तान, दोनों ही में राफेल के नाम से खलबली मची हुई है।
