पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी का 84 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनके निधन का समाचार मिलते ही देश में शोक की लहर दौड़ गयी। देश -विदेश से शोक संदेशों का तांता लग गया। प्रणव दा के निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा सभी लोगों ने गहरा शोक जताया है और उनके परिवार के प्रति अपनी संवेदना पकट की है। पिछले दिनों कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद प्रणव मुखर्जी को उपचार के लिए, दिल्ली स्थित सेना के अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां उनकी स्थिति गंभीर बनी हुई थी। वे गहरे कोमा में चले गए थे। वहीं उन्होंने आज अंतिम सांस ली।

2012 से 2017 के बीच भारत के 13वें राष्ट्रपति रहे प्रणव मुखर्जी का जन्म11 दिसंबर 1935 को हुआ था। वे कई बार देश के विदेश मंत्री, रक्षा मंत्री और वित्त मंत्री भी रहे। उन्हें पद्म विभूषण और देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से भी सम्मानित किया गया था। प्रणव दा के निधन के साथ ही भारतीय राजनीति के एक युग विशेष का अंत हो गया है। उनकी सादगी और देश के प्रति कर्तव्यनिष्ठा, हमेशा ही आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देगी।